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26 January speech in Hindi

 

गणतंत्र दिवस पर भाषण (हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण) - गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में 26 जनवरी भाषण)

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ इस लिए हम इस अवसर को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाएंगे 
हमारे देश भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये तीनों ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है।


गणतंत्र दिवस (गणतंत्र दिवस) देश में  जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था  सुनिश्चित करने वाले पर्व का उत्सव है। इस अवसर पर लोग अपने विचार गणतंत्र दिवस पर भाषण के माध्यम से व्यक्त करते हैं। गणतंत्र दिवस पर भाषण (हिंदी में गणतंत्र दिवस पर भाषण) देने से पहले गणतंत्र दिवस भाषण को प्रभावी ढंग से कैसे  तैयार करें, इसकी जानकारी इस लेख में दी गई है। इस लेख से आपको न सिर्फ गणतंत्र दिवस भाषण (हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण) / गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस निबंध) लिखने में मदद मिलेगी, बल्कि भाषण / निबंध को लिखने की शैली के बारे में भी जानकारी मिलेगी। ऐसे में यह जरूरी है कि गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस निबंध) विशेष वाले इस लेख को आप पूरा पढ़ें।

ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस निबंध) लिपि या गणतंत्र दिवस भाषण (गणतंत्र दिवस भाषण) देने का चलन काफी आम है। ऐतिहासिक दृष्टि से गणतंत्र दिवस का महत्व बेहद खास और दिलचस्प है। इस दिन कई देशों पर गणतंत्र दिवस पर भाषण (गणतंत्र दिवस भाषण) देने या फिर गणतंत्र दिवस पर हस्ताक्षर (गणतंत्र दिवस पर निबंध) लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। कई जगहों पर कुछ विशिष्ट व सम्मानित लोगों को आमंत्रित कर उन्हें सभा को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस पर 10 पंक्ति (गणतंत्र दिवस पर 10 पंक्तियां) कहने को कहा जाता है। चूंकि यह दिन हर भारतीय के जीवन में विशेष महत्व रखता है। ऐसे विशेष विद्यालयों में छात्रों को इस दिन को लेकर जागरूक करने के विचार से गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण) लिखने का कार्य भी दिया जाता है। कई बार तो काम परीक्षा में भी अच्छे-खासे अंक के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण (गणतंत्र दिवस भाषण में hindi) या गणतंत्र दिवस पर लिखने से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं कई बार कुछ विशेष कार्यक्रमों में छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के लिए भी कहा जाता है। यहां तक ​​कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई स्थानों पर गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस निबंध) लिखित संबंधित प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।

कई छात्रों की हिंदी विषय पर पकड़ कमजोर होती है, ऐसे में रिपब्लिक डे पर निबंध लिखना या किसी सभा में 26 जनवरी पर भाषण (26 जनवरी भाषण हिंदी में) देना उनके लिए आसान काम नहीं होता। विशेष सभी विशिष्टताओं को ध्यान में रखते हुए ही इस लेख में गणतंत्र दिवस भाषण (26 जनवरी भाषण) को तैयार किया गया है। हम आशा करते हैं कि इसके बाद आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध या गणतंत्र दिवस पर भाषण (गणतंत्र दिवस भाषण हिंदी में) देने में किसी प्रकार की किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। गणतंत्र दिवस के अवसरों पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) (गणतंत्र दिवस भाषण) देने के लिए हिंदी भाषण की उपलब्ध सामग्री (गणतंत्र दिवस भाषण विचार) की यदि आप भी मांग करते हैं, तो समझिए कि गणतंत्र दिवस भाषण पर (गणतंत्र दिवस भाषण) Day Speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है।

हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर निबंध (गणतंत्र दिवस पर निबंध) लिखें या 26 जनवरी पर भाषण (26 जनवरी भाषण हिंदी में) दें तो आपको निश्चित तौर पर मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही आपको सलाह दी जाती है है कि निम्नलिखित गणतंत्र दिवस पर निबंध (हिंदी में गणतंत्र दिवस निबंध) / गणतंत्र दिवस पर भाषण (हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण) को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें और इस नाम/भाषण से सीखें स्वयं ही गणतंत्र दिवस पर निबंध (गणतंत्र) Day Essay in hindi) / गणतंत्र दिवस पर भाषण (हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण) को तैयार करें। गणतंत्र दिवस पर लेख भाषण (गणतंत्र दिवस पर लेख भाषा) तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर हिंदुस्तान को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में  गणतंत्र दिवस  मनाया जाता है। भारत आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।


गणतंत्र दिवस पर भाषण (सरल गणतंत्र दिवस भाषण) आसानी से कैसे तैयार किया जा सकता है, इस लेख में उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। यदि गणतंत्र दिवस पर भाषण (गणतंत्र दिवस पर भाषा) दे रहे हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि सबसे पहले मंच पर पहुंचकर खुद को सामान्य बनाएं, घबराहट नहीं, जरूरत हो तो गहरे-गहरी दो-तीन सांस लेकर खुद को संयत करें और फिर गणतंत्र दिवस भाषण (गणतंत्र दिवस पर भाषा) शुरू करें। सबसे पहले सभा में उपस्थित लोगों को संदेश दें। विद्यालयों के गणतंत्र दिवस सभाओं के लिए पार्टियों के तौर पर कुछ इस तरह के सहभागियों को रखा जा सकता है -

“आदरणीय मुख्य अतिथि महाजन, सभासद महाराज, उपस्थित सज्जन वृंद, गुरुजन वृंद, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

जैसा कि पूर्वविदित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हर भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।“

संबोधन वाला भाग समाप्त होने के बाद गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) में इस दिवस का परिचय दें (What is Republic Day), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why do we celebrate Republic Day)। भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख बातों पर प्रकाश डालें। इसके बाद भारतीय गणतंत्र की स्थिति, इससे जुड़ी मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डालें और साथ ही इनके संभावित समाधान की बात करते हुए अपनी वाणी (republic day speech for students) को विराम दें। गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण (26 january speech in hindi) के लिए जरूरी जानकारी आगे दी जा रही है, इसका अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार लाभ उठाएं।

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - भारतीय संविधान का निर्माण (speech on republic day in hindi / Republic day essay in hindi - history of republic day)

गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day) - भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया, इस दिन (26 नवंबर, 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस, राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि भारत को आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 से पहले तक हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी की स्मृति को बनाए रखने के लिए इसी दिन भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला किया गया है 

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - संविधान की मुख्य बातें (Republic day Speech / Republic day essay in hindi - Main features)

यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। खास बात ये है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है, तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से, तो सशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। हमारा संविधान अपने आप में संपूर्ण है।

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - देश के सामने मौजूद चुनौतियां (Republic day Speech/ Republic day essay in hindi - Challenges before nation)

इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं, जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जस की तस हमारे सामने खड़ी है।

  1. भ्रष्टाचार- देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमावड़ा है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।

  2. सांप्रदायिकता- भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सब नागरिक समान हों, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसके चलते विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

  3. खराब स्वास्थ्य सेवा- तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।

  4. बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना आदि जैसी बहुत सी समस्याएं हैं जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।

हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज की नहीं हैं, ये तो कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। नेता, मंत्री, अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश, समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है, तो सब नाकाम नजर आते हैं। आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती हैं, तो पता लगता है कि देश, प्रदेश, समाज, पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में कई गुना वृद्धि जरूर हो चुकी होती है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिन्दी में (republic day essay in hindi) - निष्कर्ष

देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सभी समस्याएं भी कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। इसके लिए राजनैतिक दलों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ और ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना होगा। लोकतंत्र के सभी स्तंभों यानी कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन करना होगा। इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुड़े मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति ना आ पाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण लें कि संविधान के अनुरूप आचरण करेंगे और देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे।

इसके बाद "जय हिंद, जय भारत" के नारे के साथ गणतंत्र दिवस भाषण को समाप्त करें।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर कॉम्पिटिशन में संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (संविधान से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा

2. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

3. मूल भारतीय संविधान में अभिलेख और अनुसूचियां थीं?- 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची

4. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किस लेखा में है?- अनुच्छेद 19

5. मौलिक अधिकारों की बात किस हिस्से में की गई है?- भाग 3 (अनुच्छेद 12-35 तक)

6. राज्य सभा का सभापति कौन होता है?-उपराष्ट्रपति

7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?- 26 नवंबर, 1949

8. भारतीय संविधान कितने समय में बनकर तैयार हुआ?-  2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में

9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?-  44वां

10. राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी किस लेखा-जोखा में दी गई है?-  लेखा-जोखा 61


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