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Ratan tata

  Ratan tata (रतन टाटा )

रतन टाटा जी भारत के एक प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा सन्स के सेवा मुक्त चेयरमैन रहे ,वें सन् 1991 से लेकर 2012 तक tata group के अध्यक्ष भी रहे। यह वर्तमान समय में टाटा समूह के charitable trust के अध्यक्ष बने हुए है इन्होंने टाटा समूह से tata steel ,tata motors, tata power, tata consultancy services TCS इत्यादि कंपनिया तैयार किये है ।

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Biography/wiki :

पूरा नाम : रतन नवल टाटा

 पेशा :  उद्योगपति, निवेशक, परोपकारी

ऊंचाई : सेन्टीमीटर में : 177cm

            मीटर में: 1.77m

आंख का रगं : हल्का भूरा

बालों का रगं : स्लेटी

व्यक्तिगत जीवन :

जन्म की तारीख : 28 दिसंबर 1937

आयु : (2022) तक  85 वर्ष

जन्म स्थान  :  बाम्बे,बाम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत 

राशि : मकर

राष्ट्रीयता : भारतीय

स्कूल : कम्पीयन स्कूल, मुंबई

       : कैथैडराल और जोन कोनोंन स्कूल, मुम्बई

कालेज/ विश्वविद्यालय : कार्नेल युनिवर्सिटी, इलाका न्यूयार्क USA

हावर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन USA

 शैक्षिक योग्यता :  कार्नेल युनिवर्सिटी न्यूयार्क से structural engineering  के साथ वास्तुकला में B S की डिग्री

धर्म :  पारसी

पता : रतन टाटा मुम्बई के कोलाबा क्षेत्र में एक समुद्र के सामने तीन मंजिला घर में रहते हैं जिसका डिजाइन खुद ही किते थे।

शौक :  पुराने हिन्दी गाने सुनना, पेन्टीगं  करना 

पुरस्कार/ सम्मान : 

वर्ष                   पुरस्कार।                    संगठन

2015              मानद एचईसी                पेरिस

2015    ,  ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की         मानद डॉक्टर , क्लेमशन विश्वविद्यालय

2014 कानून की मानद डॉक्टर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा

2014 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस यूनाइटेड किंगडम

2014 सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन

2014 व्यापार के मानद डॉक्टर सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी

2013 डॉक्टरेट की मानद उपाधि एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय

2013 व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय

2013 अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट अर्न्स्ट एंड यंग

2013 विदेश एसोसिएट नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग

2012 व्यापार मानद डॉक्टर न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय

2012 मानद फैलो इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी

2010 इस साल के बिजनेस लीडर एशियाई पुरस्कार

2010 कानून की मानद डॉक्टर पेपरडाइन विश्वविद्यालय

2010 लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड येल विश्वविद्यालय

2010 शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार

2010 हैड्रियन पुरस्कार विश्व स्मारक कोष

2010 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार इटली की सरकार

2009 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी

2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर यूनाइटेड किंगडम

2008 प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड प्रदर्शन रंगमंच

2008 मानद फैलोशिप इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान

2008 मानद नागरिक पुरस्कार सिंगापुर सरकार

2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर

2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई

2008 लॉ की मानद डॉक्ट

र कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

2008 लीडरशिप अवार्ड लीडरशिप अवार्ड

2007 परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट

2007 मानद फैलोशिप अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल

2006 जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार 

2006 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास

2005 साइंस की मानद डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय

2005 अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड 

2004 प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

2004 उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक उरुग्वे की सरकार

2001 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी


परिवार : 

वैवाहिक स्थिति :   अविवाहित

पिता का नाम :  स्व नवल टाटा
माता का नाम :  स्व सूनी टाटा

 रतन टाटा के करियर की शुरूआत : 

रतन टाटा ने भारत में वापसी करने से पहले लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया। लेकिन अपनी दादी की बिगड़ती तबीयत को देख अमेरिका में बसने का सपना छोड़कर उन्हें वापस इंडिया आना पड़ा। भारत आने के बाद उन्होंने आईबीएम के साथ काम किया लेकिन जेआरडी टाटा को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने रतन टाटा को टाटा ग्रुप से साथ काम करने का मौका दिया। इसके बाद से ही उनके करियर की असली नींव रखी गई। 
1961 में उन्होंने टाटा के साथ काम करना शुरू किया। पहले कुछ शुरूआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। उसके बाद वो वो धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की और कंपनियों के साथ जुड़ गए। एक समय आया जब उन्हें 1971 में राष्ट्रीय रेडियों और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में डायरेक्टर इंचार्ज के लिए चुना गया। 
1981 में उन्हें टाटा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय कंपनी काफी घाटे में चल रही थी और बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी सिर्फ 2% था और घटा 40% था। कुछ साल बाद रतन टाटा ने कंपनी को काफी मुनाफा पहुंचाया। इसके कुछ समय बाद उन्हें 1991 में टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाया गया। 
रतन टाटा के इस पद को संभालने के बाद मानों टाटा ग्रुप की किस्मत ही बदल गई हो। ऐसा लग रहा था आसमान पर भी सिर्फ टाटा का ही नाम लिखा है। उनके कार्यकाल में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया। जिसके बाद टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टड किया गया। 
साल 1998 में टाटा ने अपनी पहली भारतीय कार तैयार की जिसका नाम था टाटा इंडिका। इसके बाद टाटा ने टेटली, टाटा मोटर्स ने जैगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील ने कोरस को तैयार किया। जिसके बाद भारतीय उघोग की लिस्ट में टाटा का नाम दर्ज हो गया। दुनिया की सबसे सस्ती कार यानि टाटा नैनो भी रतन टाटा की सोच का एक हिस्सा है। जिसको लोगों ने काफी पसंद किया था। रतन टाटा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जो कभी भी झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं रखता। वो सिर्फ काम करना जानते हैं, उसे किस तरह से अपने व्यवसाय में लगाना है और उसका इस्तेमाल कैसे करना है हमेशा से ही उनकी सोच यही रही है।
रतन टाटा 28 दिसंबर 2012 को टाटा समूह की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियों से रिटायर हो गए। जिसके बाद उनकी ये जगह 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को दी गई। लेकिन रतन टाटा ने इस जगह को देने से पहले उनके सामने अपनी बात रखी। जिसके मुताबिक उन्हें 1 साल तक रतन टाटा के साथ काम करने को कहा गया। जिसको उन्होंने स्वीकार कर लिया। 
आपको बता दें कि, सायरस मिस्त्री पलौनजी मिस्त्री के छोटे बेटे हैं जो शपूरजी-पलौनजी के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। सायरस मिस्त्री ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में लंदन बिजनेस स्कूल से डिग्री हासिल की है। वो टाटा समूह के साथ 2006 से काम कर रहे हैं। जिसके बाद अब वो इस दिशा में ही आगे काम करते रहेंगे।
हालांकि इस समय वो टाटा से रिटायर हो गए हैं। लेकिन इसके बाद भी को कामकाज में लगे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारत की इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील कंपनी में इंवेस्ट किया। इसके बाद अर्बन लैडर और चाइनीज मोबाइल कंपनी जिओमी में भी इंवेस्ट किया। रतन टाटा भले ही टाटा ग्रुप से रिटायर हो गए हैं। लेकिन टाटा संस के 2 ट्रस्टों के चेयरमैन अभी भी वो बने रहेंगे।
रतन टाटा ने भारत के अलावा कई देशों के संगठनों में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार उघोग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्प्रर्धात्मकता परिषद के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही वो कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी हैं।

रतन टाटा की कुल संपत्ति : 


अगर हम टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के मार्किट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के हिसाब से जितनी उनकी कंपनियां हैं उनकी मार्किट वैल्यू 17 लाख करोड़ रुपये होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 117 बिलियन डॉलर यानी करीबन 8.25 लाख करोड़ है। रतन टाटा इसमें से 65 प्रतिशत पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते है। यही कारण है कि वो दुनिया के अमीर व्यक्तियों में शामिल नहीं है। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर आदमी कहते हैं।






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